शुक्रवार, 8 जनवरी 2021
अहसास की स्याही
शुक्रवार, 1 जनवरी 2021
नया साल है ,नई बात हो
बुधवार, 18 नवंबर 2020
जिन्दा रखिये
सो न जाये इंसानियत कहीं
सीने में ज़मीर को जिन्दा रखिये
कितना भी कटु हो इतिहास
अपने आज को जिन्दा रखिये
वक्त के साथ बदल जाता है बहुत कुछ
मगर यादों में उल्लास को जिन्दा रखिये
मर न जाये कहीं बेवक्त अहसास
अपनी आवाज को जिन्दा रखिये
खो न जाये वो नफासत ,नजाकत
सँगीत भरे माहौल को जिन्दा रखिये
होती है जिन्दगी किन्हीं दुआओं का असर
अपनों की महक को जिन्दा रखिये
खो गया है बचपन तो कहीं बहुत पीछे
सीने में मगर नन्हें बच्चे को जिन्दा रखिये
रविवार, 8 नवंबर 2020
बेटे का जन्मदिन
मेरी शान भी तू, मेरी पहचान भी तू
मेरी साँसों में बसी , मेरी जान भी तू
दिल से दिल की है राह सदा उजली
और तो और मैंने अपनी ही सूरत तुझमें देखी सदा
मेरे जीने के बहानों का अरमान भी तू
मेरे कदमों के नीचे न थी कोई जमीं
ओढ़ा कर जो तू लाया मुझे आसमाँ , मैंने देखा
मेरे कदमों का दम , अभिमान भी तू
जिन्दगी से नहीं है कोई गिला
जो न पाया वो नहीं था मेरा, जो पाया
जो पाया वो है बहुत , आसमान भी तू , मेरी उड़ान भी तू
सोमवार, 12 अक्तूबर 2020
इक धूप सी जमी है
सोमवार, 28 सितंबर 2020
जन्मदिन मुबारक
शनिवार, 11 अप्रैल 2020
बेगाने हुए
अपने ही घर में बेगाने हुए
अपने सावन तो गुजरे ज़माने हुए
मिलते रहते हैं ज़िन्दगी से अक्सर
वरना भूल जायेंगे मुस्कराना भी , के सयाने हुए
नहीं जानते के किसको क्या पढायें हम
ये दुनिया के सबक हिला गये हैं ,के अल्हदा ठिकाने हुए
हँस लेते हैं हम तो खुद पर ही
ग़मज़दा हैं या गम से ज़ुदा , हाय हम भी दीवाने हुए
बेटे के घर में माँ-बाप जब मेहमान लगने लगें
ये दस्तूर है ज़िन्दगी का , समझो के अब पुराने हुए