सोमवार, 3 जनवरी 2011

इस साहिल तक आन




अमिताभ बच्चन इस सदी के सिनेमा के महानायक , शाहरुख़ खान भी इसी कड़ी में हैं , ये तो वक्त की मुट्ठी में है किस किस को शोहरत देगा । मेरे आसपास समाज में इसी सदी के नायक मिस्टर एस.पी.रावल , जिनके लिये मैंने ये कविता या कहिये ..गीत रचा , भाव जैसे ही संवेदनाएँ बनते हैं , उन्हें कविता में ढलते देर नहीं लगती ।


Mr.S.P.Rawal –Ex. Vice President Gestetner India Ltd.
Chairman Open Futures
Dr. Sujata Singh (daughter) –M.S.Phd Senior Scientist Singapore
Dr.Ranbir Singh(son-in-law) – M.S.Phd. patent to his name , Director South East Asia in one of the leading I.T. company Singapore
Dr. Avantika Nath (daughter) – Medical Director Dental in city of Sanfransisco
Dr.Rajneesh Nath (son-in-law)- M.D.Oncologist Ex. Senior Director Johnson & Johnson
Dr. Savita Singh (daughter) – M.S. Opthomology & M.D. Reumatology , owns clinic in Philedelphia
Mr. Neeraj Singh (son-in-law) – B.E. & M.B.A. Finance , Million Dollar Round Table member
Mr. Sanjay Rawal (son) – B. Com . Honours , C.O. Open Futures
Mrs. Kamakshi Rawal ( daughter-in-law) – B.A., L.L.B.


उनकी उपलब्धियों के बारे में ज्यादा न कुछ कहूंगी , हाँ २१ साल पहले उन्हें छोड़ कर इस दुनिया को अलविदा कह गईं अपनी दीदी का जिक्र इस गीत में कैसे न करूँ ? उनके अपने व्यक्तित्व और बच्चों की तरक्की की तह में उस त्यागमई स्नेहमई मूर्ति का कितना बड़ा योगदान है , ये बिना कहे भी सब जानते हैं । ३० दिसम्बर २०१० को जीजा जी के ७०वें जन्मदिन पर , जब उनकी बेटियों ने सिंगापुर अमेरिका से आ कर ,भारत में रह रहे अपने भाई भाभी के साथ मिल कर एक आकस्मिक पार्टी आयोजित की , ये गीत मैंने उसी उपलक्ष्य में रचा और कहा ...डा. अवंतिका यानि सरिता ने कमाल का प्रोग्राम एंकर किया और गुलदस्ते के सारे फूलों ने कमाल की मेजबानी की . ...



आया है महफ़िल में कोई , बन के सदी की पहचान
और आया है बन कर के , इस महफ़िल की शान

कोई कहे वो साथी मेरा , कोई कहे वो मेरी शान
अपना अपना रिश्ता ढूँढें , ऐसी है पहचान

सूरज चन्दा रुक कर देखें , उनसा ही कोई राही है
धरती पर उतरा है जो , सबको अपना मान

होते हैं इम्तिहाँ इंसाँ के ही , छोड़ जाएँ जब साथी भी
मिसाल बनी है हिम्मत ही , ले आई जो इस साहिल तक आन

प्रेरणा देता उजला चेहरा , देखो कैसी आन और शान
राहें चुप हैं बोल उठे हैं , देखो पीछे पीछे निशान

मिल बैठे हैं , सँजय , सुजाता , सरिता , सविता
कामाक्षी ,तेजस्वी और ध्रुव ; रनधीर ,रजनीश ,नीरज और
सेजल ,रोहन , रूही , रिया , रवीना ; मानव और वरुन
शुरू उसी से होकर देखो , गुलदस्ते की शान

आया है महफ़िल में कोई , बन के सदी की पहचान
और आया है बन कर के , इस महफ़िल की शान

9 टिप्‍पणियां:

Dr.R.Ramkumar ने कहा…

शारदा जी !
वह कविता सबसे सुन्दर है जिसमें भावना सुन्दर है..सुन्दर भावनाएं ही सच्चा काव्य है ,सुन्दरतम मन ही कवि की सच्ची पूंजी है
बधाई

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

प्रेरणा देता उजला चेहरा , देखो कैसी आन और शान
राहें चुप हैं बोल उठे हैं , देखो पीछे पीछे निशान

हृदयस्पर्शी.....

नीरज गोस्वामी ने कहा…

बहुत अच्छी और सार्थक रचना...बधाई

नीरज

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

इस प्रेरणाप्रद पोस्‍ट के लिए हार्दिक बधाई।

---------
पति को वश में करने का उपाय।

उम्मतें ने कहा…

बड़ी ज़ज्बाती प्रविष्टि है ! शुभकामनायें !

ज्ञानचंद मर्मज्ञ ने कहा…

शारदा जी,
अपनों के लिए प्यार से भरी ऐसी पंक्तियाँ बिना सोचे दिल से स्वतः ही फूट पड़ती हैं :

कोई कहे वो साथी मेरा , कोई कहे वो मेरी शान
अपना अपना रिश्ता ढूँढें , ऐसी है पहचान

-ज्ञानचंद मर्मज्ञ

कविता रावत ने कहा…

प्रेरणा देता उजला चेहरा , देखो कैसी आन और शान
राहें चुप हैं बोल उठे हैं , देखो पीछे पीछे निशान

बहुत अच्छी और सार्थक रचना...बधाई

Dr Varsha Singh ने कहा…

बेहतरीन रचना। बधाई। आपको भी नव वर्ष 2011 की अनेक शुभकामनाएं !

दिगम्बर नासवा ने कहा…

आया है महफ़िल में कोई , बन के सदी की पहचान
और आया है बन कर के , इस महफ़िल की शान ...

अच्छी और सार्थक रचना .... जैसा लिखा है हूबहू रचना में उतरा है ...