तेरे काँधे पे रखूँ सर और
जिन्दगी साजे-ग़ज़ल हो जाये
जिन्दगी कड़वी नहीं मीठी सी
किन्हीं दुआओं का फल हो जाये
यूँ ही कहते नहीं आफताब तुम्हें
तेरी आँखों की चमक मेरा नूरे-महल हो जाये
जिन्दगी यूँ भी बहुत मुश्किल थी
तेरे आने से बहारों को खबर हो जाये
कैसे कह दूँ के है इन्तिज़ार नहीं
तेरी साँसों की महक जिन्दगी का सबब हो जाये
किसने देखा शम्मा को बूँद बूँद मिटते हुए
जल के परवाना अमर हो जाये
जब बात दिल से लगा ली तब ही बन पाए गुरु
1 दिन पहले
जिन्दगी कड़वी नहीं मीठी सी
जवाब देंहटाएंकिन्हीं दुआओं का फल हो जाये
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।
आपकी पोस्ट कल(3-7-11) यहाँ भी होगी
जवाब देंहटाएंनयी-पुरानी हलचल
कैसे कह दूँ के है इन्तिज़ार नहीं
जवाब देंहटाएंतेरी साँसों की महक जिन्दगी का सबब हो जाये
बहुत सुंदर रचना
कैसे कह दूँ के है इन्तिज़ार नहीं
जवाब देंहटाएंतेरी साँसों की महक जिन्दगी का सबब हो जाये
बहुत खुबसूरत शेर मुबारक हो
बहुत सुंदर रचना ,
जवाब देंहटाएंविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
बहुत खुब। शानदार रचना। आभार।
जवाब देंहटाएंजिन्दगी यूँ भी बहुत मुश्किल थी
जवाब देंहटाएंतेरे आने से बहारों को खबर हो जाये
bahut shandar prastuti.badhai.
बहुत सुंदर नज़्म।
जवाब देंहटाएंजिन्दगी यूँ भी बहुत मुश्किल थी
जवाब देंहटाएंतेरे आने से बहारों को खबर हो जाये
कैसे कह दूँ के है इन्तिज़ार नहीं
तेरी साँसों की महक जिन्दगी का सबब हो जाये
किसने देखा शम्मा को बूँद बूँद मिटते हुए
जल के परवाना अमर हो जाये
Har lafz chuninda! Har pankti behtareen!
जिन्दगी यूँ भी बहुत मुश्किल थी
जवाब देंहटाएंतेरे आने से बहारों को खबर हो जाये
सुंदर अभिव्यक्ति.....
बहुत खूबसूरत गज़ल ..
जवाब देंहटाएंbahut achchi lagi......
जवाब देंहटाएंजिन्दगी कड़वी नहीं मीठी सी
जवाब देंहटाएंकिन्हीं दुआओं का फल हो जाये
बहुत बढ़िया शेर...
aaj pehli baar aapke blog per ayee hoon ....
जवाब देंहटाएंsabhi rachnayein sunder hai
जिन्दगी कड़वी नहीं मीठी सी
जवाब देंहटाएंकिन्हीं दुआओं का फल हो जाये
आपकी सुन्दर भावाभिव्यक्ति से मन प्रसन्न हो गया.
आपकी लेखनी प्यार का मीठापन घोले,यही दुआ है.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.आपका स्वागत है.
ati sundar
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंनीरज
जिन्दगी यूँ भी बहुत मुश्किल थी
जवाब देंहटाएंतेरे आने से बहारों को खबर हो जाये
कैसे कह दूँ के है इन्तिज़ार नहीं
तेरी साँसों की महक जिन्दगी का सबब हो जाये
bahut sunder rachna.............
ग़ज़ल लिखने की लाजवाब प्रेरणा मिली है आपको शारदा जी,
जवाब देंहटाएंतेरे काँधे पे रखूँ सर और
जिन्दगी साजे-ग़ज़ल हो जाये
क्या बात है, बहुत अच्छी लाइन बन पड़ी है ये...
क्या बात है,अच्छी रचना,
जवाब देंहटाएंआभार,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com