रविवार, 19 दिसंबर 2021

आज की कड़वी हकीकत

चाँद तक जा पहुँचे हो

पड़ोसी के घर तक पहुँच नहीं 


कितनी डिग्रियाँ कर लीं हासिल 

आम सी बात तो मालूम नहीं 


कितने दोस्त हैं तुम्हारे F.B. पर 

मगर एक भी जिगरी यार नहीं 


बड़े से बँगले में हो तनहा 

चार-जन का भी तो परिवार नहीं 


कितने अंकों में है आय तुम्हारी 

मगर मन को तो है कहीं करार नहीं 


कितनी कीमती-कीमती घड़ियाँ हैं हासिल 

मगर पल-दो-पल का वक़्त भी मयस्सर नहीं 


बुद्धि से मात देते हो दिग्गजों को 

मगर दिल से दिल तक पहुँचने की संवेदनाएँ ही नहीं 


आज की कड़वी हकीकत है ये 

कंक्रीट के जंगल में आदमी सा कोई किरदार नहीं

3 टिप्‍पणियां:

Pammi singh'tripti' ने कहा…

आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 13 अप्रैल 2022 को लिंक की जाएगी ....

http://halchalwith5links.blogspot.in
पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
!

अथ स्वागतम् शुभ स्वागतम्

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सटीक 👌👌👌

ALL about english ने कहा…

nice sir ji
https://gajjurock.blogspot.com/2022/03/how-to-join-indian-army.html