मम्मा मैं तेरी मैना
मुखड़ा हूँ तेरा अपना
बैठी मुँडेर पर हूँ
चहकूँ मैं तेरे अँगना
लौटूँ मैं जब भी घर को
रखना तू मुझको दिल में
ये घर है मेरा अपना
मम्मा मैं तेरी मैना
बचपन आवाज़ें देता
यूँ संग-साथ चलता
ममता ही मेरा गहना
मम्मा मैं तेरी मैना
उड़ती गगन में जब-जब
पंखों में भर के ख़ुशबू
तेरा ही तो हूँ सपना
मम्मा मैं तेरी मैना
माँ का दिल ये कहता है ...
तुझे दिल में छुपा कर रख लूँ मैं
दुनिया की नज़र से बचा कर रख लूँ मैं
फूलों पर चला लूँ , काँटों से बचा लूँ
कोई ऐसी जमीं मुमकिन कर लूँ
ठण्डी हवा सी मैं सदा साथ तेरे
हौले से तेरे कानों में कह दूँ
आगे तू बढ़ना ,पल्ला तू झाड़ , ग़म नहीं कोई करना
हर नामुमकिन भी मुमकिन होगा ,हिम्मत के आगे नहीं कोई टिकता
स्नेह से अपनी गागर भरना
तुझे नज़रों में बसा कर रख लूँ मैं
मन को छूती सुंदर रचना
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जवाब देंहटाएंसादर