शुक्रवार, 2 जनवरी 2009

चाँद उगा आसमान में

चाँद उगा आसमान में
मौसम सारा निखरा आया
मुट्ठी भर रोशनी लेकर
चाँदी-चाँदी बिखरा आया

उछलें हैं लहरें , मिलने को
सागर में यूँ तूफ़ान आया
टूटें न किनारे अरमाँ के
ऐसे ही ये मेहमान आया

दल-बल अपने साथ लिये
तारों की थाली भर लाया
चमकें हैं सितारे आंखों में
साजिश ये कैसी कर लाया

2 टिप्‍पणियां:

मैं भी औरों की तरह , खुशफहमियों का हूँ स्वागत करती
मेरे क़दमों में भी , यही तो हैं हौसलों का दम भरतीं