शुक्रवार, 19 अगस्त 2011

शबे-गम के इरादों की तरह जलो

जलो तो चरागों की तरह जलो
शबे-गम के इरादों की तरह जलो

किसने देखी है सुबह
आफताब के वादों की तरह जलो

कतरा कतरा काम आये किसी के
किसी काँधे पे दिलासे की तरह जलो

लगा के तीली रौशन हो जाये
सुलगते हुए सवालों की तरह जलो

हवा आँधी तूफाँ तो आयेंगे
टक्कर के हौसलों की तरह जलो

मिट्टी की महक वाज़िब है
खुदाओं के शहर में मसीहों की तरह जलो

17 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सुन्दर ग़ज़ल पढ़वाने के लिए आभार!

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

कतरा कतरा काम आये किसी के
किसी काँधे पे दिलासे की तरह जलो
बहुत सुंदर ग़ज़ल ....

Amit Chandra ने कहा…

बेहतरीन गजल। आभार।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज शनिवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।

vidhya ने कहा…

बेहतरीन गजल। आभार।

मनोज कुमार ने कहा…

कतरा कतरा काम आये किसी के
किसी काँधे पे दिलासे की तरह जलो
बहुत अच्छे भाव लिए बेहतरीन ग़ज़ल!

anita agarwal ने कहा…

ek sashakt or prerna deti hui rachna..
ye lines khas kerke bahut sunder lagi..
कतरा कतरा काम आये किसी के
किसी काँधे पे दिलासे की तरह जलो

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

कतरा कतरा काम आये किसी के
किसी काँधे पे दिलासे की तरह जलो

वाह, क्या बात है ... !

Maheshwari kaneri ने कहा…

कतरा कतरा काम आये किसी के
किसी काँधे पे दिलासे की तरह जलो .......बहुत सुन्दर..
आप के ब्लांग में पहली बार आई बहुत अच्छा लगा...अभिव्यंजना में आप का इंतजार रहेगा...धन्यवाद...

दिगम्बर नासवा ने कहा…

किसने देखी है सुबह
आफताब के वादों की तरह जलो ...

बहुत खूब ... अच्छा शेर है ... वादों की लो जलते रहनी चाहिए ..

Sunil Kumar ने कहा…

कतरा कतरा काम आये किसी के
किसी काँधे पे दिलासे की तरह जलो
बहुत सुंदर ग़ज़ल ,बहुत खूब .... .

Rakesh Kumar ने कहा…

मिट्टी की महक वाज़िब है
खुदाओं के शहर में मसीहों की तरह जलो

वाह! बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति है आपकी.
पढकर आनंदित हो गया है मन.
आभार.

मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.

बेनामी ने कहा…

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tips hindi me ने कहा…

शारदा जी,
नमस्कार,
आपकी इस रचना "शबे-गम के इरादों की तरह जलो" को "cityjalalabad.blogspot.com" के काव्य मंच पर लिंक किया गया है |

tips hindi me ने कहा…

शारदा अरोरा जी,
नमस्कार,
आपके ब्लॉग को "सिटी जलालाबाद डाट ब्लॉगसपाट डाट काम" के "हिंदी ब्लॉग लिस्ट पेज" पर लिंक किया जा रहा है|

एक स्वतन्त्र नागरिक ने कहा…

जलो तो चरागों की तरह जलो
शबे-गम के इरादों की तरह जलो
क्या खूबसूरती से कहा है.
सचिन को भारत रत्न नहीं मिलना चाहिए. भावनाओ से परे तार्किक विश्लेषण हेतु पढ़ें और समर्थन दें- http://no-bharat-ratna-to-sachin.blogspot.com/

Amrita Tanmay ने कहा…

बेहतरीन रचना