रविवार, 22 जुलाई 2012

सूरज सा निकलते रहिये

ज़िन्दगी भोर है , सूरज सा निकलते रहिये  
चहकिए चिड़ियों सा , हर लम्हे को उत्सव कहिये 

धूप ही धूप  है बराबर सबके लिए   
अपने गीतों में दुनिया की पीड़ा कहिये   

ज़िन्दगी ले जाए चाहे जिस भी  तरफ 
उफ्फ़ न करिए , सागर के थपेड़े सहिये 

हर दिन है नया दिन , कल की क्यूँ सोचें 
गुलाबों सा खिलिये , महकते रहिये   

काम आये जो किसी के , इन्सान है वही  
ये जनम , ऐसा जीवन है तो सार्थक कहिये  

मत कोसिए  अँधेरों को , ये चुनौती हैं 
मन का दीप जला , रात के सँग सँग  बहिये 

हौसला , ज़िन्दादिली , उम्मीद का रँग  देखो 
उग आता है सूरज , इनकी बदौलत कहिये  

16 टिप्‍पणियां:

kshama ने कहा…

Bada hausla aur umang is rachana me! Eeshwar use barqaraar rakhe yahee dua hai.

रश्मि शर्मा ने कहा…

सकारात्‍मक सोच की कवि‍ता...बधाई आपको

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

ओजस्वी कविता... सचमुच अंधेरों को कोसने से कुछ नहीं होगा...

अरुन अनन्त ने कहा…

बहुत ही सुन्दर भावों को संजोती हुई बेहतरीन रचना, बधाई स्वीकार कीजिये

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

आपकी हर बात मान ली....
बहुत सुन्दर शारदा जी
सादर
अनु

Sunil Kumar ने कहा…

जोश से भरी रचना अच्छी लगी बधाई स्वीकार करें

devendra gautam ने कहा…

ज़िन्दगी भोर है , सूरज सा निकलते रहिये
चहकिए चिड़ियों सा , हर लम्हे को उत्सव कहिये

...wah...kya baat hai...

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

ज़िन्दगी भोर है , सूरज सा निकलते रहिये
चहकिए चिड़ियों सा , हर लम्हे को उत्सव कहिये

जीवन को नया उत्साह देती रचना ....

pushkar ने कहा…

बहुत सुन्दर कविता....

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

शारदा जी मुझे वाकई आपकी हर बात मानना चाहिए...
:-)
आपके निर्देशानुसार मैंने अपनी रचना में परिवर्तन किया है...
आप देखिएगा ज़रूर.
स्नेह बनाये रखियेगा.

सादर
अनु

वाणी गीत ने कहा…

मत कोसिए अँधेरों को , ये चुनौती हैं
मन का दीप जला , रात के सँग सँग बहिये !

स्याह अँधेरे जिनके लिए चुनौती हैं , उनके लिए मंजिल दूर नहीं !
प्रेरक रचना !

Pallavi saxena ने कहा…

"जीना इसी का नाम है" सुंदर सकरात्म्क भाव लिए भावपूर्ण भावभिव्यक्ति।

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

बहुत बेहतरीन सकारात्मक सोच लिए रचना...
सुन्दर:-)

दिगम्बर नासवा ने कहा…

ज़िन्दगी ले जाए चाहे जिस भी तरफ
उफ्फ़ न करिए , सागर के थपेड़े सहिये ...

अगर ऐसा हो जाय तो जीवन जीना आसान हो जायगा ...
सकारात्मक सोच लिए गज़ल है ..

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

हौसला , ज़िन्दादिली ,उम्मीद का रँग देखो
उग आता है सूरज , इनकी बदौलत कहिये

सारगर्भित ...!!

(शारदा जी आपके प्रश्न का उत्तर ब्लॉग पे दे दिया है ....)

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

हौसला , ज़िन्दादिली ,उम्मीद का रँग देखो
उग आता है सूरज , इनकी बदौलत कहिये
..वाह!