शुक्रवार, 1 जनवरी 2021

नया साल है ,नई बात हो





नया साल है ,नई बात हो 
नई सुबह है ,करामात हो 
कोविड से पीछा छूटे 
नई फ़िज़ाँ हो ,समाँ साथ हो 

अपने दम पर जीना सीखा 
अपनों का सँग-साथ भी छूटा 
नेट की दुनिया से वाकिफ हर कोई 
बस इक स्मार्ट फोन हाथ हो 

घर लौटो अब किसान भाई 
धरती माँ है बाट जोहती 
मिल के मनायें लोहड़ी पर्व को 
ढोल-नगाड़े ,घर-परिवार साथ हो 

लौट आये अब दिल की दिवाली 
जग जाये जगन तपन अब 
मन मयूर सा नाचे अब तो 
नस-नस में सँगीत की थाप हो 

2 टिप्‍पणियां:

मैं भी औरों की तरह , खुशफहमियों का हूँ स्वागत करती
मेरे क़दमों में भी , यही तो हैं हौसलों का दम भरतीं